सिविल सेवा परीक्षा 2010 में शीर्ष स्थान पाने वाले आईएएस अधिकारी अफसर शाह फैसल ने बाबूगिरी छोडऩे का फैसला ले लिया है. उन्होंने आईएएस की नौकरी छोड़ दी है और ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि वे नेता बनने वाले हैं. शाह फैसल ने कश्मीर में कथित हत्याओं और इन मामलों में केंद्र की ओर से गंभीर प्रयास नहीं करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है.
हालांकि, इस्तीफा देने के एक दिन बाद शाह फैसल ने कहा कि उनका अगला कदम इस पर निर्भर करेगा कि कश्मीर के लोग, खासकर नौजवान उनसे क्या चाहते हैं. उन्होंने जिस तरीके से कश्मीर के लोगों से अपने अपने फैसले के बारे में राय मांगी है, उससे कयास लगाया जा रहा है कि वे अब राजनीति में कदम रखने वाले हैं. फैसल के इस्तीफे की घोषणा के साथ-साथ उनके नेशनल कांफ्रेंस के साथ जुडऩे की चर्चा भी जोरो पर रही.
दूसरी ओर कांग्रेस भी फैसल के इस्तीफे को भुनाने की कोशिश में लगी है. कांग्रेस नेता शशि थरूर और पी चिदंबरम ने तो मोदी सरकार को इसके लिए जिम्मेदार भी बता दिया है. शशि थरूर ने कहा कि शाह फैसल के इस फैसले से वह बेहद निराश हैं. उन्हें 2019 के चुनाव चुनाव तक इंतजार करना चाहिए था. वहीं, पी चिदंबरम ने कहा कि शाह फैसल का इस्तीफा देना भाजपा सरकार के लिए कलंक है.