‘भविष्य पुराण’में भगवान विष्णु के एक बौने ब्राह्मण के रूप में लिये गये पांचवे अवतार वामन द्वारा लिये गये तीन कदमों के विषय में एक श्लोक है। भगवान का पहला कदम गया में पड़ा था और दूसरा मक्का में।
पैगंबर मोहम्मद के आने से बहुत पहले से ही लोग तीर्थ यात्रा के लिये मक्का जाते थे। इसीलिये तीर्थयात्री वहां जाते हैं और वहां रखे पत्थर (सलीब) को चूमते हैं औरइसकी सात बार परिक्रमा करते हैं। यह बिल्कुल शिव मंदिरों की तरह किया जाता है, जहां पर कि लोग बिना सिले सफेद कपड़े पहन कर जाते हैं और पत्थर की पूजाकरते हैं।
यह प्राचीन काल से चली आ रही परम्पराओं के बिल्कुल अनुरूप है। इस तरह से गया और मक्का में की जाने वाली पूजा में अद्भुत समानता है: एक ही प्रकार का पत्थररखा गया है और इसे ही पूजा जाता है। एक ही तरह से परिक्रमाएं की जाती हैं और एक ही तरह के अनसिले कपड़े पहने जाते हैं। ये सब कहीं न कहीं आपस में सम्बन्धित हैं और जुड़े हैं।
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– अजय विद्युत