निरंकारी संप्रदाय के धार्मिक गुरु बाबा हरदेव सिंह की कार हादसे में मौत हो गई । खबर से बाबा के परिवार ही नहीं पूरे समुदाय में दुख की लहर दौड़ गई है । हादसे में हरदेव सिंह के अलावा उनके दामाद अवनीत की भी मौत हुई है। बाबा 62 साल के थे। कार पलटने से वे गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे, इसके बाद उनकी मौत हो गई । बताया जा रहा हा कि बाबा और उनके दो दामाद न्यूयार्क से कनाडा के मॉन्टियल जा रहे थे। उसी दौरान तेज रफ्तार के कारण कार पलट गई। हादसे के वक्त कार की रफ्तार 200 से 300 किमी थी। बाबा के एक दामाद सन्नी भी जख्मी लेकिन खतरे से बाहर। सन्नी ही चला रहे थे कार। बाबा की फैमिली इस वक्त कनाडा में ही है। न्यूयार्क से मॉन्टियल की दूरी महज 2 घंटे की है इसलिए रोड से वहां जा रहे थे बाबा।
कौन थे बाबा हरदेव…
बाबा हरदेव सिंह का जन्म 23 फरवरी, 1954 दिल्ली में हुआ था।
उनकी शुरुआती पढ़ाई घर पर ही हुई थी। बाद में उन्होंने दिल्ली के संत निरंकारी कॉलोनी में रोसरी स्कूल और फिर पटियाला के एक बोर्डिंग स्कूल से पढ़ाई की।
1971 में उन्होंने निरंकारी सेवा दल ज्वॉइन किया।
1975 में उन्होंने फर्रुखाबाद की सविंदर कौर से शादी की थी। सविंदर दिल्ली में निरंकारी संत समागम की मेंबर थीं।
1980 में पिता की हत्या के बाद वे संत निरंकारी मिशन के मुखिया बन गए।
बता दें कि 1929 में संत निरंकारी मिशन की स्थापना हुई थी।
निरंकारी समुदाय की उत्पत्ति पंजाब के उत्तर-पश्चिम में बसे रावलपिंडी से हुई जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है। इस समुदाय की स्थापना सहजधारी सिख बाबा दयाल सिंह और एक स्वर्ण व्यापारी ने की थी।ब्रिटिश राज में हालांकि इस समुदाय को दरकिनार कर दिया गया. बाद में 1929 में संत निरंकारी मिशन की स्थापना हुई। आज की तारीख में इस समुदाय के करोड़ों अनुयायी भारत से लेकर विदेशों में फैले हैं।