लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कार्यक्रम चाचा-भतीजा प्रकरण से अछूते नहीं रहते। संवाद अदायगी कुछ ऐसी कि पूरा कार्यक्रम किसी नाटक का मंचन लगने लगता है। हम बात कर रहे हैं पार्टी के रजत जयंती समारोह की, जहां समाजवादी कुनबे की आतंरिक कलह ने पीछा नहीं छोड़ा और चाचा-भतीजा आमने-सामने आ गए। और फिर शुरू हो गया संवाद अदायगी का सिलसिला।
समाजवादी पार्टी के 25 वर्ष पूरे होने के मौके पर 5 नवंबर को चाचा शिवपाल यादव (पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष) और भतीजा अखिलेश यादव (उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री) ने अपने-अपने भाषण में क्या कहा, उसकी यह बानगी ‘चाचा-भतीजा’ के नाट्य मंचन को ही प्रस्तुत करती है।
शिवपाल- कुछ लोगों को सबकुछ विरासत में मिल जाता है वहीं कुछ लोग जिंदगी लगा देते हैं लेकिन कुछ नहीं मिलता।
अखिलेश- आपने हमें तलवार दी है तो चलाएंगे भी। आने वाला चुनाव देश का भविष्य तय करेगा। मैं विश्वास दिलाता हूं कि हम सत्ता में लौटेंगे और सांप्रदायिक ताकतों को सफल नहीं होने देंगे। नेताजी ने यह पार्टी खून-पसीना बहाकर बनाई है, मैं उन्हें धन्यवाद करता हूं। हमने लंबा सफर तय किया है और हमें इसके आगे जाना है। यह सब साथ मिलकर हो सकेगा।
शिवपाल-(भावुक होते हुए) पार्टी में कुछ घुसपैठिये आ गए हैं, जो माहौल खराब करते हैं। उनसे सावधान रहने की जरूरत है। कितना भी अपमान करें लोग हम उफ तक नहीं करेंगे। इस सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है, हमने भी इसमें योगदान दिया है। चाहे खून मांगो तो खून दे देंगे लेकिन मुझे मुख्यमंत्री नहीं बनना है। संघर्ष के दिनों में मेरा भी बहुत सहयोग रहा है, बहुत जोखिम लिए हैं। मैं ही नहीं और भी कितने लोग हैं जिन्होंने खतरा उठाया है। कुछ लोग जान तक दे देते हैं लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिलता। वहीं कुछ लोग चापलूसी करके सत्ता का मजा ले जाते हैं। चाहे जितना त्याग लेना चाहो ले लो लेकिन नेताजी का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।
अखिलेश- (पार्टी में कलह पर लोहिया जी का वाक्य दोहराते हुए) लोहिया जी बोले थे लोग सुनेंगे जरूर लेकिन मेरे मरने के बाद। मैं इसे अलग तरीके से कहूंगा कि कुछ लोग सब सुनेंगे लेकिन पार्टी का सबकुछ बिगड़ने के बाद। किसी को परीक्षा देने की जरूरत नहीं है और अगर है तो मैं तैयार हूं हर परीक्षा के लिए। आपने मुझे तलवार भेंट की है और कहते हो तलवार न चलाऊं तो ऐसा नहीं हो सकता। तलवार दोगे तो चलाएंगे भी।
सपा के इस महा आयोजन में लालू यादव, शरद यादव, देवगौड़ा जैसे नेता मौजूद रहे। मुलायम सिंह के अलावा सपा परिवार भी यहां नजर आया। इन सभी नेताओं की मौजूदगी में जब अखिलेश और शिवपाल यादव को तलवार भेंट की गई तो लालू यादव इन दोनों के बीच खड़े थे। जब अखिलेश तलवार उठाकर जोश दिखा रहे थे तब लालू ने इशारा कर अखिलेश को शिवपाल के पैर छूने के लिए कहा और अखिलेश ने भी बिना देर किए अपने चाचा का आशीर्वाद ले लिया।
सपा के मंच पर इन सभी नेताओं की मौजूदगी के चलते गठबंधन की संभावनाओं को बल मिल रहा है। हालांकि कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे शरद यादव और देवगौड़ा ने फिलहाल महागठबंधन को लेकर किसी भी बातचीत से इन्कार कर दिया। वहीं लालू यादव ने हुंकार भरते हुए कहा कि जिस तरह भाजपा को बिहार से खदेड़ा था वैसे ही यहां से भी खदेड़ना है।