सुनील वर्मा ।
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी साइकिल आखिरकार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी के हाथ में दे ही दी । यूपी विधानसभा चुनाव के लिए दाब – दबाव बनाने की लंबी कवायद के बाद सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो ही गया। पिछले काफी दिनों से सीट बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों में खींचतान चल रही थी। अब कुल 403 विधानसभा सीटों में से 298 पर अखिलेश के कैंडिडेट्स चुनाव लड़ेंगे, जबकि कांग्रेस को 105 सीटें मिली है। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम और कांग्रेस नेता राजबब्बर ने संयुक्त रूप से इस गठबंधन का ऐलान किया ।
गठबंधन के पीछ प्रियंका गांधी की बड़ी भूमिका
दरअसल शनिवार देर रात तक टिकट बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों के बीच बैठकों का दौर जारी था, कांग्रेस कम से कम 120 सीटें मांग रही थी, और सपा 100 सीटें देने को राजी थी। फिर खुद प्रियंका गांधी ने आगे बढ़कर मोर्चा संभाला। देर रात रामगोपाल यादव और प्रियंका के बीच दिल्ली में मुलाकात हुई, उसके बाद प्रियंका की ओर से कांग्रेस के सीनियर लीडर्स ने अखिलेश और उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी बातचीत की। हालांकि इस बीच सपा ने कांग्रेस के कुछ सीटिंग विधायकों की सीट पर भी उम्मीदवार घोषित कर दिए थे। जिस वजह से गठबंधन पर संशय के बादल मंडरा रहा था।
अखिलेश और पीके के बीच मैराथन बैठक
मनमाफिक सीटें न मिलने से मायूस कांग्रेस के शीर्ष धड़े ने हार नहीं मानी। गठबंधन की खातिर प्रियंका गांधी ने नई दिल्ली में रामगोपाल से मुलाकात की, तो वहीं दूसरी ओर सीएम अखिलेश यादव और कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच लखनऊ में दो बार बैठकें हुईं। जिसके बाद सपा कांग्रेस को 105 सीटें देने पर राजी हुई।
अखिलेश के रवैये से कांग्रेस ने जताई थी नाराजगी
कांग्रेस सूत्रों ने शनिवार को बताया था कि जब तक अखिलेश को सपा का नाम और साइकिल चुनाव चिन्ह नहीं मिला था, तब तक उन्होंने कांग्रेस को 142 सीटें दे रखी थीं। अखिलेश ने ये बात लिखकर कांग्रेस को दी थी लेकिन समाजवादी पार्टी और साइकिल मिलने के बाद अखिलेश ने मजबूरी बताते हुए 121 सीटें ऑफर कीं। इसके बाद जब 121 पर कांग्रेस ने हां की, तो वो 100 पर अटक गए थे। उनका कहना था कि नेताजी की 38 लोगों की सूची को एडजस्ट करना है। बताया गया कि एक वक्त कांग्रेस 110 सीटों पर भी मान गई थी, लेकिन तब अखिलेश ने कहा कि कुछ पुराने और आज़म खान सरीखे नेताओं की सीटों की मांग आ गई है, मेरी पार्टी के कई लोग पार्टी छोड़ रहे हैं. इसलिए 100 से ज़्यादा सीटें नहीं दे पाएंगे। हालांकि आखिर में 105 सीटों पर बात बन गई।