लखनऊ। लंबे विवादों और अंतर्कलह की वजह से बीमार हो चुकी समाजवादी पार्टी और मुलायम परिवार में विवाद को लेकर अखिलेश यादव के समर्थक और एमएलसी उदयवीर सिंह का चौकाने वाला बयान सामने आया है। उदयवीर सिंह का आरोप है कि अखिलेश यादव की पार्टी और परिवार में तमाम मुश्किलों के पीछे मुलायम की दूसरी पत्नी यानी अखिलेश की सौतेली मां का हाथ है।
यहां तक कि समाजवादी पार्टी दो फाड़ होने के बेहद करीब पहुंच चुकी थी। पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री और पार्टी में युवाओं की अगुवाई कर रहे अखिलेश यादव एक समय उस स्थिति में पहुंच चुके थे, जहां से उन्होंने नई पार्टी बनाने तक का मन बना लिया था।
सूत्रों के मुताबिक यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव करीब 1 सप्ताह पहले अपने समर्थकों के साथ इस बात पर विचार कर चुके थे कि राष्ट्रीय समाजवादी पार्टी के नाम से एक अलग पार्टी बना ली जाए। और तो और, नई पार्टी के लिए चुनाव निशान भी सोच लिया गया था।
बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच दूरियां इतनी बढ़ गई थीं कि अखिलेश यादव नई पार्टी बनाने की तैयारी में थे। अखिलेश यादव के समर्थकों की तरफ से सुझाव दिया गया कि नई पार्टी का सिंबल भी साइकिल से मिलता-जुलता यानी मोटर साइकिल रखा जा सकता है जो अखिलेश यादव की मॉडर्न छवि से मैच भी करता है।
इससे पहले कि योजना परवाह चढ़ती, पिता पुत्र की मुलाकात से रिश्तों में आई दरार कुछ कम हो गई। बहरहाल, सीएम अखिलेश यादव की नई चिट्ठी ने एक बार फिर से समाजवादी पार्टी के बीच की दरार जगजाहिर हो गई है।
उदयवीर सिंह ने बुधवार को सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को चिट्ठी लिखकर इस बात की मांग की है कि वे खुद पार्टी के संरक्षक बनें और अपनी कुर्सी (वर्तमान में राष्ट्रीय अध्यक्ष) अपने बेटे सीएम अखिलेश को सौंप दें।
उदयवीर सिंह ने कहा कि इसमें उन्होंने अपने निजी विचार प्रकट किए हैं, लेकिन यह पार्टी के भीतर अधिकतर साथियों का विचार है। चिट्ठी में यह भी लिखा कि परिवार के भीतर से भी अखिलेश यादव के खिलाफ साजिश हो रही है और शिवपाल यादव इसमें शामिल हैं। मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना अपने सौतेले बेटे अखिलेश यादव के प्रति द्वेष की भावना रखती हैं और शिवपाल यादव मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की लोकप्रियता से जलते हैं।
उदयवीर सिंह ने यहां तक कह दिया कि शिवपाल यादव और साधना ने मिलीभगत कर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नुकसान पहुंचाने के लिए काले जादू का भी सहारा लिया है। उन्होंने पार्टी के युवा नेताओं का निष्कासन रद्द करने की मांग की और कहा कि अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के लिए सबसे विश्वसनीय चेहरा हैं।