नई दिल्ली।
भगवान के बारे में भले ही जानकारी कम हो, लेकिन हर कोई कुछ न कुछ धारणा जरूर रखता है। इस संदर्भ में सितारों की दुनिया के आइंस्टाइन स्टीफ़न हॉकिंग के विचारों ने काफी धमाल मचाया था, जिनका 76 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
उन्होंने अपनी किताब ‘द ग्रांड डिज़ाइन’ में भगवान के अस्तित्व को सिरे से नकार दिया था। उन्होंने एक नए ग्रह की खोज के बारे में सौरमंडल के ख़ास समीकरण और भगवान के अस्तित्व पर सवाल उठाया।
वर्ष 1992 में एक ग्रह की खोज की गई थी जो हमारे सूर्य की जगह किसी अन्य सूर्य का चक्कर लगा रहा था। हॉकिंग ने इसका ही उदाहरण देते हुए कहा, “ये खोज बताती है कि हमारे सौरमंडल के खगोलीय संयोग- एक सूर्य, पृथ्वी और सूर्य के बीच में उचित दूरी और सोलर मास, सबूत के तौर पर ये मानने के लिए नाकाफ़ी हैं कि पृथ्वी को इतनी सावधानी से इंसानों को खुश करने के लिए बनाया गया था।”
उन्होंने सृष्टि के निर्माण के लिए गुरुत्वाकर्षण के नियम को श्रेय दिया। हॉकिंग कहते हैं, “गुरुत्वाकर्षण वो नियम है जिसकी वजह से ब्रह्मांड अपने आपको शून्य से एक बार फिर शुरू कर सकता है और करेगा भी। ये अचानक होने वाली खगोलीय घटनाएं हमारे अस्तित्व के लिए ज़िम्मेदार हैं. ऐसे में ब्रह्मांड को चलाने के लिए भगवान की ज़रूरत नहीं है।”
हॉकिंग को इस बयान के लिए ईसाई धर्म गुरुओं की ओर से विरोध का सामना करना पड़ा। स्टीफ़न हॉकिंग ने दुनिया के सामने ब्रह्मांड में एलियनों के अस्तित्व को लेकर कड़ी चेतावनी दी थी। हॉकिंग ने अपने लेक्चर ‘लाइफ़ इन द यूनिवर्स’ में भविष्य में इंसानों और एलियन के बीच मुलाकात को लेकर अपनी राय रखी थी।
स्टीफ़न हॉकिंग ने पृथ्वी पर इंसानियत के भविष्य को लेकर चौंकाने वाला ऐलान किया था। स्टीफ़न हॉकिंग ने कहा था, “मुझे विश्वास है कि इंसानों को अपने अंत से बचने के लिए पृथ्वी छोड़कर किसी दूसरे ग्रह को अपनाना चाहिए। इंसानों को अपना वजूद बचाने के लिए अगले 100 सालों में वो तैयारी पूरी करनी चाहिए जिससे पृथ्वी को छोड़ा जा सके।”