अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए एक आत्मघाती हमले में 40 लोगों की मौत हो गई और 30 लोग घायल हो गए हैं। स्थानीय तोलो न्यूज के मुताबिक आत्मघाती हमलावर ने शिया सांस्कृतिक और धार्मिक संगठन तबायान के दरवाजे पर विस्फोट किया। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के मुताबिक इस विस्फोट के बाद इलाके में और दो विस्फोट हुए। अभी तक किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। बताया जा रहा है कि हमले को एक नाबालिग आतंकी ने अंजाम दिया।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इस हमले की निंदा की है और इसे इंसानियत के खिलाफ किया गया गुनाह बताया है। घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पतला में भर्ती कराया गया है। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इस वजह से मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है। कुछ दिन पहले ही काबुल में अब्दुल्हाक स्क्वायर के नजदीक राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय (एनडीएस) के कार्यालय के पास आत्मघाती हमलावर ने खुद को विस्फोट से उड़ा दिया। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी समूह आईएस ने ली थी।
अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नजीब दानिश ने बताया कि धमाके के वक्त पास से गुजर रही टोयोटा कार में सवार नागरिकों की मौके पर ही मौत हो गई। दानिश ने कहा, ‘हम यह नहीं जानते कि किसको निशाना बनाकर हमला किया गया, वहां पर एक मस्जिद और पास ही मीडिया की एक कंपनी है। मारे गए लोगों में ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और जर्नलिस्ट शामिल हैं।’
गृह मंत्रालय के उप प्रवक्ता नसरत रहीमी ने बताया कि विस्फोट उस समय हुए जब वहां अफगानिस्तान पर पूर्व सोवियत संघ के आक्रमण के 38 वर्ष पूरे होने के मौके पर एक कार्यक्रम चल रहा था। यह केंद्र अफगान वॉइस एजेंसी के पास है।
यूनाइटेड नेशंस असिस्टेंस मिशन इन अफगानिस्तान (UNAMA) की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल अफगानिस्तान में हमलों में 3,498 लोगों की मौत हुई थी और 7920 लोग घायल हुए। पिछले आठ सालों में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा था। 2015 की तुलना में इसमें दो फीसदी का इजाफा हुआ है।