देब दुलाल पहाड़ी।
भारत की विभिन्न सांस्कृतिक और लोक परंपराओं की झलक वाला 32वां सूरजकुंड इंटरनेशनल क्राफ्ट मेला 2018 का 2 फरवरी को शुभारंभ हो गया। उद्घाटन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने संयुक्त रूप से किया। ऐसा पहली बार हुआ है जब दो मुख्यमंत्रियों ने संयुक्त रूप से सूरजकुंड मेले का उद्घाटन किया है।
थीम स्टेट उत्तर प्रदेश है और किर्गिस्तान सहयोगी देश के तौर पर हिस्सा ले रहा है। उत्तर प्रदेश की ओर से पहला सांस्कृतिक कार्यक्रम गंगा यमुना की पवित्रता को दर्शाते हुए पेश किया जाएगा। मेला अगले 18 फरवरी तक चलेगा। यह अवधि पिछली बार से 3 दिन ज्यादा है।
यहां प्रतिवर्ष एक खास राज्य की परंपरा, खान-पान, शिल्प और कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है। शनिवार-रविवार को मेले का टिकट 120 रुपये प्रति व्यक्ति है और बाकी दिनों में 180 रुपये प्रति व्यक्ति। पिछली बार की तरह इस बार टिकट के मूल्य में बृद्धि न होने के बाबजूद टिकट का दाम अधिक है क्योंकि इस बार जीएसटी चार्ज भी लगा है।
मेले का आयोजन सूरजकुंड मेला अथॉरिटी, हरियाणा टूरिज्म और टेक्स्टाइल, पर्यटन, कल्चर एंड एक्सटर्नल अफेयर्स मंत्रालय मिल कर करते हैं। उसका उद्देश्य ग्रामीण भारत की संस्कृति और परंपरा को सामने लाना है। उद्घाटन के मौके पर सीएम मनोहर लाल ने कहा कि यह मेला साल में दो बार अवश्य आयोजित किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने परिवहन को लेकर समझौता किया कि यूपी की बसें अब हरियाणा के सभी शहरों में चलेंगी और हरियाणा की बसें यूपी में, जिसके लिए हरियाणा के 46 मार्गों पर बसों का संचालन किया जाएगा। यूपी की 552 बसें हरियाणा में संचालित होंगी और हरियाणा की 423 बसें यूपी में संचालित होंगी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऐसा समझौता 1980 के बाद पहली बार हुआ है। भगवान कृष्ण यूपी में पैदा हुए और उन्होंने गीता का उपदेश हरियाणा में दिया। इस नाते हमारा हरियाणा से धार्मिक नाता है। सूरजकुंड मेला देश की अखंडता को बढ़ावा देने के लिए भी लाभदायक है।
समारोह की अध्यक्षता हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने की। इस अवसर पर हरियाणा के पर्यटन एवं शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, उत्तर प्रदेश की पर्यटन एवं महिला कल्याण मंत्री प्रो. रीता बहुगुणा जोशी, भारत में किरगिज राजदूत समरगुल आदमकुलोबा, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा के उद्योग मंत्री विपुल गोयल, बड़खल की विधायक सीमा त्रिखा, बल्लभगढ़ के विधायक मूलचंद शर्मा और हरियाणा पर्यटन निगम के चेयरमैन जगदीश चोपड़ा आदि अन्य कई प्रमुख दिग्गज मौजूद थे।
इस वर्ष 1100 से ज्यादा शिल्पकारों को आमंत्रित किया गया है। पिछले वर्ष यह संख्या 1008 थी। इस बार 28 देश भागीदारी करेंगे, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 23 थी। इस साल 325 विदेशी भागीदारों में 82 शिल्पी भी शामिल हैं। इस वर्ष 28 देशों के कलाकार अपना हुनर दिखाएंगे।
इन देशों में से टर्की, मोरक्को, थाईलैंड, सीरिया, श्रीलंका, तंजानिया, नेपाल, इजिप्ट, दक्षिण अफ्रीका, अफगानिस्तान, न्यूजीलैंड, मालदीव, मॉरीशस, युगांडा, यूक्रेन, बांग्लादेश, भूटान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान, लेबनान, कीनिया, मेडागास्कर, रूस और किर्गिस्तान प्रमुख हैं। इन देशों के शिल्पकार और कलाकार अपने यहां के क्राफ्ट के साथ ही वहां की लोक कलाओं को भी मेले की चौपालों पर प्रदर्शित करेंगे।