ओपिनियन पोस्ट
समूचे देश में 2008 में सूचना का सबसे बड़ा केन्द्र बने नोएडा का जलवायु विहार भले ही एक बार फिर से आरूषि -हेमराज हत्याकांड के कथित आरोपी तलवार दंपत्ति की रिहाई के बाद चर्चा में हो। लेकिन हकीकत ये है कि इस शहर में न तो अब खुद तलवार दंपत्ति रहते हैं न ही इस हत्याकांड का कोई संदिग्ध नौकर इस शहर में है।
आरुषि-हेमराज हत्याकांड में शक के घेरे में आए सभी लोगों ने नोएडा छोड़ दिया है। डॉ. राजेश और डॉ. नूपुर तलवार ने सेक्टर 25 का फ्लैट बेच दिया। वह दिल्ली शिफ्ट हो गए। उन्होंने पार्श्वनाथ प्लाजा में स्थित क्लीनिक भी बंद कर दी। इनके अलावा सीबीआइ की ओर से आरोपी बनाए गए डॉ. राजेश तलवार के कंपाउर कृष्णा अपनी बहन के साथ छह साल पहले ही नोएडा का जलवायु विहार छोड़ कर चला गया है।
वहीं सेक्टर-53 में रहने वाली तलवार दंपती की बिजनेस पार्टनर डाक्टर अनीता दुर्रानी का नौकर राजकुमार भी अब भारत छोड़ कर अपने घर नेपाल चला गया। आरुषि के पड़ोसी पूर्व सैन्य अधिकारी का नौकर विजय मंडल भी घटना के दो साल बाद नोएडा छोड़ बिहार चला गया। वहीं, हेमराज की पत्नी नेपाल में ही रहती है। उसके दिल्ली में रहने वाले रिश्तेदारों ने बताया कि हेमराज की पत्नी इन दिनों आर्थिक तंगी से जूझ रही है। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को नौ साल पुराने नोएडा के आरुषि-हेमराज मर्डर केस में तलवार दंपती को बरी कर दिया।
सीबीआई कोर्ट ने आरुषि के पैरेंट्स राजेश और नूपुर तलवार को 2013 में उम्रकैद सुनाई थी। तब से वो जेल में थे। उन्होंने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की थी। सीबीआई कोर्ट ने जिन आधार पर राजेश और नुपुर को सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने उन्हें नाकाफी करार देते हुए दोनों को बरी कर दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस बीके. नारायण और जस्टिस एके. मिश्रा की बेंच ने कहा- मौजूद सबूतों के आधार पर तलवार दंपती को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।