चेन्नई।
तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित एक बार फिर विवाद में घिर गए हैं। इस बार उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान महिला पत्रकार के सवाल के जवाब में उसका गाल सहला दिया। यौन दुर्व्यवहार के एक अन्य मामले में भी संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्हें घेरा गया था। सवाल पूछे जाने पर उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया। उनसे पूछा गया था कि क्या उनके खिलाफ गृह मंत्रालय जांच कर रहा है?
तमिलनाडु के अरुप्पूकोट्टई के देवांग आर्ट कॉलेज की एक महिला लेक्चरर पर आरोप है कि उन्होंने छात्रों को ज्यादा नंबर और पैसे के लिए कुछ अधिकारियों के साथ एडजस्ट करने की सलाह दी थी, हालांकि वह इन आरोपों से इनकार कर रही हैं, साथ ही एक ऑडियो भी सामने आया है जिसमें ये महिला लेक्चरर राज्यपाल पुरोहित से अपने संबंधों की बात कह रही है। राज्यपाल ने इसी बात पर सफाई देने के लिए प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी, जहां एक नया विवाद पैदा हो गया।
विवाद पर डीएमके ने कहा है कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को मर्यादा का पालन करना चाहिए। महिला पत्रकार लक्ष्मी सुब्रमण्यम ने ट्वीट कर कहा है- ‘चेहरे को मैंने कई बार धोया, लेकिन अब भी उससे बाहर नहीं निकल पा रही हूं। मिस्टर गवर्नर पर काफी गुस्सा है। हो सकता है बुजुर्ग के तौर पर उन्होंने यह बिहेव किया लेकिन मेरे लिए ये गलत है।’
Your Excellency, I have with me your letter expressing regret at what happened at the press conference in Chennai the previous day. I accept your apology, even though I am not convinced about your contention that you did it to appreciate a question I asked @TheWeekLive pic.twitter.com/JhjPOQy8UW
— Lakshmi Subramanian (@lakhinathan) April 18, 2018
कौन हैं बनवारी लाल पुरोहित
16 अप्रैल 1940 को राजस्थान के झुंझुनूं में जन्मे बनवारी लाल पुरोहित महाराष्ट्र के विदर्भ जिले के जाने-माने नेता हैं। वे तीन बार नागपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। वे 1977 में राजनीति में आए। 1978 में उन्होंने महाराष्ट्र के नागपुर से पहला विधानसभा चुनाव जीता और 1980 में दक्षिणी नागपुर से एक बार फिर विधानसभा पहुंचे। 1982 में राज्य में मंत्री भी बने। पुरोहित 1984 ,1989 और 1996 में में भाजपा के टिकट पर नागपुर कंपटी से लोकसभा चुनाव जीते थे। 1999 में उन्होंने बीजेपी से नाता तोड़ लिया और कांग्रेस में शामिल हो गए। लेकिन कुछ समय बाद पुरोहित ने कांग्रेस भी छोड़ दी।
इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी विदर्भ राज्य पार्टी की शुरुआत की और नागपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन सफल नहीं हो सके। वे फिर से 2009 में भाजपा में शामिल हो गए और नागपुर से चुनाव लड़े, लेकिन कांग्रेस के विलास मुत्तेमवार से हार गए। सितंबर 2017 में उन्हें तमिलनाडु के राज्यपाल की कुर्सी सौंपी गई क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद से राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहे तमिलनाडु में एक कद्दावर नेता के अंकुश की आवश्यकता थी।
राज्यपाल ने कहा, यौन कदाचार के आरोप ‘बकवास’
राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने उन आरोपों को भी बकवास बताकर खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय कथित तौर पर यौन कदाचार के मामले में उनके खिलाफ जांच कर रहा है। पुरोहित से जब एक पार्टी द्वारा लगाए गए उन आरोपों के बारे में पूछा गया जिसमें कहा गया है कि कथित यौन कदाचार के लिए गृह मंत्रालय उनके खिलाफ जांच कर रहा है तो उन्होंने कहा, ”यह बिल्कुल निराधार है।”