वियंतियन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकवाद के मुद्दे पर लगातार पाकिस्तान को घेर रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान की ओर स्पष्ट संकेत देते हुए ‘आतंकवाद के बढ़ते निर्यात’ पर गहरी चिंता जताई है। वह इंडिया-आसियान की 14वीं समिट और 11वीं ईस्ट एशिया समिट में हिस्सा लेने के लिए लाओस पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र की सुरक्षा पर मंडराने वाला एक साझा खतरा है। आतंकवाद से निपटने के लिए उन्होंने आसियान के सदस्य देशों से समन्वित प्रतिक्रिया देने की अपील की। यह तीसरी बार है जब मोदी इन दो समिट में हिस्सा लेंगे। वह यहां बराक ओबामा और शिंजो आबे से भी मिलेंगे। भारत को इस दौरान 21 देशों वाले एशिया-पैसेफिक इकोनॉमिक कॉपरेशन की सदस्यता मिल सकती है।
मोदी ने कहा कि घृणा की विचारधारा के कारण बढ़ता कट्टरपंथ और अत्यधिक हिंसा का प्रसार सुरक्षा से जुड़े कुछ अन्य खतरे हैं। नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच बढ़ते वाक्युद्ध के बीच मोदी ने दो दिन में दूसरी बार पाकिस्तान पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद का निर्यात, बढ़ता कट्टरपंथ और अत्यधिक हिंसा का प्रसार हमारे समाजों की सुरक्षा पर मंडराने वाले साझा खतरे हैं’। पीएम मोदी ने कहा, ‘यह खतरा स्थानीय, क्षेत्रीय और इसके साथ-साथ परिवर्तनशील है। आसियान के साथ हमारी साझेदारी विभिन्न स्तरों पर समन्वय और सहयोग के जरिये प्रतिक्रिया चाहती है’। उन्होंने कहा कि बढ़ती पारंपरिक एवं गैर पारंपरिक चुनौतियों के मद्देनजर संबंधों में राजनीतिक सहयोग बेहद महत्वपूर्ण हो गया है।
मोदी ने कहा, ‘हम साइबर सुरक्षा, कट्टरपंथ के उन्मूलन और आतंकवाद से मुकाबले के लिए ठोस कदम उठाना चाहते हैं’। सोमवार को मोदी ने जी20 सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि दक्षिण एशिया में ‘एक देश’ ऐसा है, जो ‘आतंक के कारकों’ का प्रसार कर रहा है। आतंकवाद के प्रायोजकों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और उन्हें अलग-थलग कर देना चाहिए, न कि पुरस्कार दिया जाना चाहिए।