निशा शर्मा।
अभिनेत्री नर्गिस दत्त का आज जन्मदिन है। लोगों के जहन में वह आज भी मदर इंडिया की मां, राजकपूर की फिल्मों की खूबसूरत प्रेमिका या अपना घर संभालती एक बेहतरीन पत्नी हैं।
नर्सिग एक सादगी पसंद अभिनेत्री रही हैं जिनका जन्म कोलकाता में हुआ। नर्गिस के जन्म का नाम फातिमा रशिद था जिसे बदलकर नर्गिस कर दिया गया था। दरअसल,, 6 साल की उम्र में नर्गिस ने फिल्मों में काम करना शुरु कर दिया था फिल्म में उनका नाम बेबी नर्गिस रखा गया फिर क्या था यही नाम उनके साथ हमेशा के लिए जुड़ गया और ऐसा जुड़ा कि आज भी कोई उनके वास्तविक नाम से उन्हें नहीं पुकारता। उनकी मां का नाम जद्दन बाई था, जो एक क्लासिकल सिंगर थी। मां के मुताबिक नर्गिस ज्यादा किसी से बातचीत नहीं करतीं थी। क्योंकि उनको लगता था कि वह सुंदर नहीं हैं।यही कारण था कि वह किसी से ज्यादा मेलजोल भी नहीं रखतीं थी। बात ओर है कि उनके चाहने वाले उनकी खूबसूरती, सादगी और संजीदगी के दिवाने रहे हैं। नर्गिस को 14 साल की उम्र में निर्देशक महबूब खान ने अपनी फिल्म तकदीर में हिरोईन के तौर पर लिया। जिसमें नर्गिस को पहचान तो नहीं मिली लेकिन महबूब खान समझ गए कि यह लड़की मामूली नहीं हैं। इस फिल्म के बाद महबूब खान ने अपनी ही फिल्म औरत को दोबारा मदर इंडिया के नाम से बनाया। फिल्म में नर्गिस को जगह दी गई। यह वही फिल्म थी जिसके जरिये नर्गिस ने इस बात को साबित कर दिया कि वह सिनेमा जगत का वह चमकता सितारा हैं जिसका कोई दूसरा सानी ना रहा ना रहेगा। अभिनय के क्षेत्र में नर्गिस की जोड़ी को दो अभिनेताओं के साथ खूब पसंद किया गया। उसमें एक अभिनेता थे दिलीप कुमार और दूसरे थे राजकपूर। दिलीप कुमार की अंदाज और राजकपूर की आवारा, बरसात, चोरी चोरी में नर्गिस को प्रेमिका की भूमिका में लोग आज भी याद करते हैं।
फिल्म अभिनय के तौर पर नर्गिस के लिए फिल्म मदर इंडिया जितनी महत्वपूर्ण रही उतनी ही महत्वपूर्ण रही उनकी जिन्दगी के लिए। क्योंकि यही वह फिल्म है जिसने नर्गिस को उनका जीवन साथी दिया। कहते हैं कि फिल्म में बिरजू का किरदार निभाने वाले सुनील दत्त से पहले यह किरदार दिलीप कुमार को दिया गया था। लेकिन दिलीप साहब ने अपनी हमउम्र हिरोईन को मां कहने से मना कर दिया। जिसके बाद यह रोल सुनील साहब को दिया गया। जिसे सुनील साहब ने बखूबी निभाया। एक दिन फिल्म मदर इंडिया के सेट पर आग लग गई जिसमें नर्गिस आग से घिर गईं और उन्हें अपनी जान पर खेलकर सुनील दत्त ने बचाया । प्रेम की शरुआत कहिये या जिन्दगी साथ साथ जीने की शुरुआत दोनों की इसी फिल्म से हुई। नर्गिस सुनील दत्त से उम्र में बड़ी थी लेकिन दोनों के एक साथ जीवन जीने की जिद्द ने साबित कर दिया कि प्रेम में उम्र की कोई सीमा नहीं होती।
नर्गिस ने सुनील दत्त से शादी की और फिल्मों को अलविदा कह दिया। नर्गिस शादी के बाद अपने परिवार के साथ समय बिताने लगीं। कभी कभी किसी फिल्म में सालों बाद दिखीं पर मुख्य तौर पर सक्रिय नहीं रही।
सुनील दत्त और नर्गिस के रिश्ते को सिनेमा जगत में ही नहीं समाजिक तौर पर भी काफी सराहना मिली। लेकिन इस रिश्ते में दुखों की शुरुआत तब हुई जब इनके परिवार को पता चला कि नर्गिस कैंसर से पीड़ित हैं। इस जानलेवा बीमारी के इलाज का हर प्रयास किया गया लेकिन किये गए सारे प्रयास कामयाब नहीं रहे। सुनील-नर्गिस के बच्चे बड़े हो चुके थे, संजय दत्त फिल्मों में सक्रिय थे। एक अभिनेत्री और एक मां के तौर पर कैंसर से पीड़ित नर्गिस ने बेटे को अभिनेता के तौर पर काम करते तो देखा लेकिन उसकी फिल्म रिलीज़ नहीं देख पाईं और दुनिया को अलविदा कह गईं। जिस तरह नर्गिस सुनील दत्त की जिन्दगी में खुशियों की बहार लेकर आईं थी उसी तरह उनका जाना सुनील दत्त के लिए दुखों का पहाड़ ले आया, जिसमें संजय दत्त का ड्रग्स लेना, जेल जाना शामिल रहा। हालांकि सुनील ने अपने परिवार की खुशियां वापिस लाने की पूरी कोशिश की और वह इस कोशिश में कामयाब भी रहे। ऐसा लगता है जैसे सुनील दत्त का नर्गिस को किया हो यह वादा हो जो उन्होंने उनके जाने के बाद भी पूरी शिद्दत से पूरा किया है।
दुनिया से गए हुए नर्गिस को करीब तीन दशक से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन ऐसा नहीं लगता कि वह हमारे बीच नहीं हैं उनकी अदाकारी आज भी हमें उनके साथ जोड़े रखती है।