उन्नाव रेप केस में फंसे बांगरमऊ से बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर की मुश्किलें और बढ़ गईं हैं। मामले की जांच कर रही सीबीआई ने पीड़िता की ओर से विधायक सेंगर पर लगाए गए आरोपों को सही पाया है।
पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि पिछले साल 4 जून को बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसका रेप किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई को ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे विधायक सेंगर की इस मामले में संलिप्तता साबित होती है। सीबीआई को इस मामले में पुलिस के लापरवाही बरतने और विधायक को बचाने की कोशिश के सबूत भी मिले हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले की जांच कर रही सीबीआई को पुलिस की लापरवाही के भी सबूत मिले हैं। पुलिस पर आरोप है कि पीड़ित लड़की लगातार बांगरमऊ के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम लेती रही। लेकिन स्थानीय पुलिस शुरुआत में विधायक को बचाने की कोशिश करती रही। यही वजह रही कि 20 जून को दर्ज हुई एफआईआर में विधायक का नाम शामिल नहीं किया गया।
सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत कोर्ट के सामने पीड़िता का बयान दर्ज किया, जिसमें उसने विधायक पर लगाए गए आरोपों को दोहराया। लेकिन पुलिस ने शुरुआती जांच में लगातार लापरवाही बरती। इतना ही नहीं पीड़िता की मेडिकल जांच में भी पुलिस ने देरी की और लड़की के वजाइनल स्वैब और कपड़ों को फरेंसिक लैब नहीं भेजा। आरोप है कि ‘यह जानबूझकर और आरोपियों को बचाने के लिए किया गया।’