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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रगान गाने से छूट मांगने वाली याचिका को लेकर मदसरों को करारा झटका दिया है। अदालत ने मदरसों में राष्ट्रगान गाने के योगी सरकार के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रगान और राष्ट्रध्वज का सम्मान करना सभी नागरिक का सवैधानिक कर्तव्य है। लिहाजा जाति, धर्म और भाषा के आधार पर इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जा सकता है।
याचिकाकर्ता अलाउल मुस्तफा ने मदरसों को राष्ट्रगान गाने से छूट की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी। इसमें छह सितंबर 2017 के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती दी गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खण्ड पीठ ने आदेश दिया कि मदरसों को राष्ट्रगान गाने से छूट नहीं है।
इससे पहले मामले मेें इलाहाबाद हाई कोर्ट यूपी सरकार से जवाब तलब किया था। दरअसल, सूबे के सभी मदरसों को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड की तरफ से एक आदेश जारी किया गया था। आदेश के मुताबिक सभी मदरसों को 15 अगस्त के दिन राष्ट्र ध्वज फहराने और राष्ट्रगान गाने का आदेश दिया गया था। साथ ही पूरे समारोह की वीडियोग्राफी का भी आदेश दिया गया था।
योगी सरकार के इस आदेश के बाद इस बार स्वतंत्रता दिवस के दिन यूपी के मदरसों में तिरंगा फहराया गया। योगी सरकार ने अनुदान प्राप्त मदरसों को स्वतंत्रता दिवस मनाने के निर्देश दिए थे, जिसका असर साफतौर पर देखने को मिला था। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी तिरंगा फहराकर आजादी की 71वीं सालगिरह मनाई गई थी। जगह-जगह वंदे मातरम के नारों के साथ मदरसे के बच्चों ने देश भक्ति के गीत गाए थे।