नई दिल्ली। एक ताजा समाचार से उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ लोगों में रोष व्याप्त है। अखलाक हत्याकांड के एक आरोपी रवि की अस्पताल में हुई मौत के बाद दादरी के बिसाहड़ा गांव में तनाव पसर गया है। बड़ी संख्या में पुलिस को तैनात कर दिया गया है। पूरा गांव छावनी नजर आ रहा है। आरोपी की मौत से लोगों में रोष है और पुलिस इन्हें समझाने में जुटी है। गांव वालों ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ जुलूस निकाला और जान मोहम्मद को गिरफ्तार करने की मांग की।
गांव वालों ने जुलूस निकालते हुए सपा सरकार का पुतला फूंका। प्रदर्शनकारियों ने सपा सरकार, मुलायम सिंह और आज़म खान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गांव में घूमकर जुलूस निकाला। जुलूस निकालने वालों के साथ स्थानीय नेता भी हैं। इनका कहना है कि जेल में हमारे बच्चे सुरक्षित नहीं हैं। पहले भी हमने अलर्ट किया था। ये सब प्रदेश सरकार के इशारे पर हो रहा है। इन लोगों ने जान मोहम्मद की गिरफ़्तारी, पीड़ित परिवार के लिए 50 लाख रुपये का मुआवजा, जेलर के खिलाफ मामला दर्ज करने और रवि की पत्नी को नौकरी देने की मांग की है।
अधिकारियों के मुताबिक रवि को फेफड़ों में संक्रमण था। उसे 30 सितंबर को नोएडा के सरकारी अस्पताल में दिखाया गया था। उसके बाद वापस जेल ले गए। फिर दर्द की शिकायत के बाद दोबारा अस्पताल ले जाया गया और फिर नोएडा से दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया, जहां बुधवार को बिसाहड़ा के पूर्व एसडीएम राजेश गांव वालों से मिलने पहुचे। गांव वालों ने उन्हें अपनी मांग बताई, क्योंकि पिछले साल राजेश ही इस मामले को देख रहे थे।
उधर, परिवार का आरोप है कि रवि को कोई बीमारी नहीं थी। 23 सितंबर को उसके भाई-बहन जेल में उससे मिलने गए थे, तब रवि ने बताया था कि जेल में उससे उठक-बैठक लगवाई गई और पिटाई की गई। रवि की पत्नी ने आरोप लगाया कि उससे (रवि) से 5000 रुपये की मांग भी की गई थी। रवि को एक ही तरह की दवाई दी जाती थी।
गांव वालों और ग्राम प्रधान ने ऐलान किया है कि जब तक जान मोहम्मद को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक रवि का शव आने के बाद भी दाह संस्कार नहीं किया जाएगा। जान मोहम्मद अखलाक का छोटा भाई है और दादरी में ही रहता है। गांव वालों का आरोप है कि उसी की वजह से बच्चे (आरोपी) जेल गए।