अभिषेक रंजन सिंह, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में अपने राजनीतिक और सांगठनिक विस्तार को मजबूती देने में भाजपा का साथ अब विश्व हिंदू परिषद ने भी देने का फैसला किया है। गौरतलब है कि इस वर्ष अप्रैल में राम नवमी के मौके पर भाजपा ने पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में रामनवमी का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया। राजधानी कोलकाता में भाजपा की तरफ से एक पूजा पंडाल को राज्य सरकार की तरफ से अनुमति नहीं मिली थी। इस मुद्दे को भाजपा ने काफी भुनाया और सरकार के इस फैसले की बंगाल में भी निंदा की गई।
खबरों के मुताबिक, इस साल दुर्गापूजा के मौके पर भाजपा पूरे राज्य में “विजयदशमी” के अवसर पर “शस्त्र पूजा” का आयोजन कर सकती है। इस आयोजन में तलवार, त्रिशूल इत्यादि हथियारों के साथ बंदूक की भी पूजा की जा सकती है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसरा विजयादशमी के दिन ही राम जी ने रावण का वध किया था। ये भी मान्यता है कि विजयादशमी के ही दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था।
उल्लेखनीय है कि हाल के वर्षों में भाजपा का जनाधार बंगाल में तेजी से बढ़ा है और उसे लगता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को सूबे में बड़ी कामयाबी मिल सकती है। इस बीच राज्य में कई घटनाएं ऐसी हुई हैं, जिसका फायदा भाजपा को मिलता दिख रहा है। बंगाल की सियासत की बात करें तो तृणमूल कांग्रेस फिलहाल सत्ता में है और वामदलों की स्थिति लगातार कमजोर हो रही है। ऐसे में भाजपा एक नए विकल्प के रूप में उभरना चाहती है। इस बीच कई वाम कार्यकर्ता भी भाजपा में शामिल हो रहे हैं।