नई दिल्ली। वीडियो चैटिंग आज युवाओं का टशन है। इस काम को आसान बनाते हैं इससे संबंधित ऐप। वैसे तो फेसबुक के मैसेंजर व माइक्रोसॉफ्ट के स्काइप से लेकर तमाम ऐप ऐसे प्रचलित हैं, जिनका खूब उपयोग किया जा रहा है। फिर भी युवा नए-नए ऐप डाउनलोड कर अपडेट रहना चाहते हैं। गूगल का डुओ नाम से नया वीडियो चैटिंग ऐप भी इसी क्रम में आया है। इस ऐप में खास क्या है, आइए इसी की पड़ताल करते हैं।
गूगल का ये ऐप वीडियो कॉल करने के अन्य विकल्पों यानी एपल के फ़ेस टाइम, माइक्रोसोफ्ट के स्काइप और फ़ेसबुक के मैसेंजर को टक्कर देने के लिए लाया गया है। हालांकि ये अन्य वीडियो चैंटिग ऐप्स से अलग नहीं है लेकिन इसमें एक सुविधा है कि इसमें कॉलर की झलक दिखती है। इस तरह कॉल लेने वाला व्यक्ति फ़ैसला कर सकता है कि वो कॉल ले या न ले। हालांकि दूसरे ऐप भी इससे मिलती-जुलती सुविधा से लैस हैं।
गूगल का कहना है कि इस फीचर का नाम ”नॉक नॉक” है। इस नए ऐप की घोषणा मई में की गई थी और ये मुफ़्त सुविधा गूगल एंड्रराएड ऑपरेटिंग सिस्टम पर चल रहे फ़ोन और ऐपल के आईफ़ोन में होगी। फ़ेसटाइम की तरह डुओ में किसी व्यक्ति से संपर्क करने के लिए उसके नंबर की ज़रूरत होगी।
गूगल 2013 से हैंगआउट के ज़रिये वीडियो कॉलिंग की सुविधा दे रहा है लेकिन अब कंपनी इसे बिजनेस मीटिंग्स के लिए सुविधा के तौर पर बढ़ावा देना चाहती है। गूगला का दावा है कि ये ज्यादा भरोसेमंद होने के साथ-साथ आसान भी है और दोस्त व परिवारवाले बात करते वक्त एक दूसरे को देख सकते हैं।
उधर, गूगल एक और ऐप लाने वाला है जो मैसेंजिंग ऐप होगा। अमेरिकी कंपनी का कहना है कि इस ऐप का नाम एलोफीचरिंग है जो संदेशों का जवाब ऑटोमेटेड तरीके से दे सकेगा। यानी सुझाव दे सकेगा कि किस संदेश पर क्या जवाब दिया जाना चाहिए।