वीडियोकॉन कर्ज मामले को लेकर विवादों में फंसी आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। आईसीआईसीआई बैंक ने अब उनके खिलाफ स्वतंत्र रूप से आंतरिक जांच शुरू कर दी है।
आईसीआईसीआई बैंक ने बुधवार को बताया कि बैंक की सीईओ के खिलाफ लगे आरोपों की स्वतंत्र जांच कराने का फैसला किया गया है। बैंक बोर्ड ने इस सिलसिले में जांच समिति का गठन करने का फैसला किया है, जिसकी अध्यक्षता एक स्वतंत्र शख्स करेगा। समिति यह जांच करेगी की कर्ज देने के मामले में आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है या नहीं।
बैंक बोर्ड का कहना है कि उसकी ऑडिट समिति कार्रवाई को लेकर आगे फैसला करेगी। ऑडिट कमेटी ही जांच समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति करेगी। साथ ही यह कमेटी जांच समिति को मामले की पड़ताल के दौरान उसकी कानूनी और पेशेवर सहयोग को लेकर मदद भी करेगी।
इससे पहले ब्लूमबर्ग ने दावा किया था कि आईसीआईसीआई बैंक का चंदा कोचर पर विश्वास डगमगा रहा है, जिसके बाद माना जा रहा था कि कोचर के खिलाफ कभी भी आंतरिक तौर पर जांच पड़ताल शुरू हो सकती है।
बता दें कि सीबीआई चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी नूपॉवर रिन्यूएबल्स के निदेशक उमानाथ नायक से घंटों पूछताछ कर चुकी है। पिछले महीने ही मामले में आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड ने चंदा कोचर पर पूरा विश्वास जताया था, लेकिन बाद में ब्लूमबर्ग ने दावा किया कि चंदा कोचर के मामले में बैंक के बोर्ड में कुछ सदस्यों का मानना है कि कर्ज मामले में निष्पक्ष जांच तक चंदा कोचर को सीईओ पद छोड़ देना चाहिए।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक बैंक के कुछ डायरेक्टर्स चंदा कोचर के पद पर बने रहने का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2012 में वीडियोकॉन समूह को आईसीआईसीआई बैंक द्वारा 3250 करोड़ रुपये के ऋण के संबंध में बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर द्वारा स्थापित ‘नूपॉवर रिन्यूएबल्स’ के निदेशक उमानाथ वैकुंठ नायक से पूछताछ की थी।