ब्रिटेन की टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन की भारतीय इकाई वोडाफोन इंडिया में कुमार मंगलम बिड़ला की आइडिया सेल्युलर के विलय से वोडाफोन इंडिया अब देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम सेवा प्रदाता कंपनी बन जाएगी। आइडिया सेल्युलर के निदेशक मंडल ने सोमवार को इस विलय को मंजूरी दे दी। दोनों कंपनियों की विलय प्रक्रिया दो साल में पूरी होगी। इन दोनों के ग्राहकों की संख्या 39.40 करोड़ होगी। अब तक एयरटेल देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है। अब उससे यह तमगा छिन जाएगा। नई कंपनी पर वोडाफोन और आदित्य बिड़ला समूह का संयुक्त नियंत्रण होगा।
दोनों कंपनियों के इस विलय को रिलायंस जियो से बाजार हिस्सेदारी में मिल रही चुनौती से निपटने की भी रणनीति मानी जा रही है। ग्राहकों का बड़ा आधार होने की वजह से एयरटेल जियो को टक्कर देने में तो सक्षम है मगर आइडिया सेल्युलर को इससे नुकसान उठाना पड़ रहा था। साथ ही वोडाफोन इंडिया का भी ग्राहक आधार खिसक रहा था। मगर अब दोनों के विलय से बनी कंपनी रिलायंस जियो और एयरटेल को कड़ी टक्कर देने की स्थिति में आ जाएगी। रिलायंस जियो भारत में तेजी से पांव पसार रही है, इसलिए दूसरी कपनियों पर दबाव बढ़ना लाजमी है। एयरटेल ने जियो से निपटने के लिए पहले ही टेलीनॉर को खरीद लिया है। अब कंपनी अपने 4G नेटवर्क को बेहतर करने के लिए तीकोना डिजिटल नेटवर्क से स्पेकट्रम खरीद रही है।
आइडिया ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा है, ‘कंपनी ने वोडफोन इंडिया लिमिटेड (वीआईएल) और इसकी पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी वोडाफोन मोबाइल सर्विसिज लिमिटेड (वीएमएसएल) के साथ एकीकरण को मंजूरी दे दी है।’ प्रस्तावित विलय संबंधित प्राधिकरणों से जरूरी मंजूरी मिलने के बाद आगे बढ़ेगा। इसके लिए सेबी, दूरसंचार विभाग और रिजर्व बैंक से मंजूरी लेनी होगी। नियामक को भेजी गई जानकारी के मुताबिक, ‘कंपनियों के एकीकरण के बाद वीआईएल के इंडस टावर्स लिमिटेड में किए गए निवेश को छोड़कर वीआईएल और वीएमएसएल का पूरा कारोबार, इसकी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क संपत्ति और सूचना प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म सभी नई कंपनी के तहत आ जाएगी।’
वोडाफोन इंडिया का कुल कारोबार 5,025 करोड़ रुपये और वीएमएसएल का 40,378 करोड़ रुपये है। आइडिया सेल्यूलर का कारोबार 36,000 करोड़ रुपये है। जबकि वीआईएल की नेटवर्थ 12,855 करोड़ रुपये, वीएमएसएल की 3,737 करोड़ रुपये और आइडिया सेल्युलर की 24,296 करोड़ रुपये है। ट्राई के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2016 के अंत में दूरसंचार बाजार में वोडाफोन की बाजार हिस्सेदारी 20.46 करोड़ मोबाइल ग्राहकों के साथ 18.16 प्रतिशत थी जबकि आइडिया की 19.05 करोड़ ग्राहकों के साथ 16.9 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस समय 26.58 करोड़ ग्राहक संख्या के साथ एयरटेल की मोबाइल दूरसंचार बाजार में 23.58 प्रतिशत की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है। आइडिया और वोडाफोन के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि विलय के बाद बनने वाली एकीकृत कंपनी पर शेयरधारक समझौते के मुताबिक वोडाफोन और आदित्य बिड़ला समूह का संयुक्त नियंत्रण होगा।
विलय प्रक्रिया पूरी होने के साथ एकीकृत कंपनी में आदित्य बिड़ला समूह को 3,900 करोड़ रुपये में 4.9 प्रतिशत हिस्सेदारी के हस्तांतरण के बाद वोडाफोन की 45.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। आइडिया की एकीकृत कंपनी में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी जबकि शेष हिस्सेदारी सार्वजनिक शेयरधारकों के पास होगी। कंपनियों के संयुक्त बयान में कहा गया है कि आदित्य बिड़ला समूह को आने वाले समय में शेयरधारिता को बराबर करने के लिए वोडाफोन से और शेयरों के अधिग्रहणों का अधिकार होगा। यह काम सहमति प्राप्त प्रणाली के तहत होगा।
चेयरमैन कौन होगा
इन दोनों कंपनियों के विलय के बाद इसके चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला होंगे जो आदित्य बिड़ला ग्रुप के हेड हैं। जबकि कंपनी का सीएफओ वोडाफोन की तरफ से रखा जाएगा। इसके अलावा सीईओ की नियुक्ति दोनों कंपनियां मिल कर करेंगी। हालांकि दोनों के ब्रांड नाम बाजार में मौजूद रहेंगे। वोडाफोन के सीईओ विटोरियो कलाओ ने कहा है कि दोनों कंपनियां मजबूत हैं, इसलिए विलय के बाद भी अलग अलग ब्रांड से चलती रहेंगी।
ग्राहकों को फायदा
इस विलय से ग्राहकों को आने वाले दिनों में नए प्लान और पैक्स मिल सकते हैं क्योंकि पहले जियो को टक्कर देने के लिए एयरटेल नए प्लान लॉन्च कर रही थी लेकिन अब आइडिया-वोडा भी नए प्लान और पैक्स के साथ बाजार में होंगी। इससे ग्राहक कम कीमत में बेहतर प्लान चुनने की स्थिति में होंगे।