20 सदस्यों का समूह जी 20 एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है जो दुनिया के 20 प्रमुख औद्योगिक और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है। जी20 विश्व के सकल घरेलू उत्पाद के 85 प्रतिशत और कुल आबादी के दो तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है।
1999 में जी20 का गठन हुआ था। तब यह केवल सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गर्वनरों का संगठन था। पहला जी20 शिखर सम्मेलन बर्लिन में दिसंबर 1999 में हुआ, जिसे जर्मनी और कनाडा के वित्त मंत्रियों ने आयोजित किया था। 2008 में आयी वैश्विक मंदी से निपटने के लिए जी20 में बड़े बदलाव हुए और इसे शीर्ष नेताओं के संगठन में तब्दील कर दिया गया। 2008 में अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में हुआ जी20 शिखर सम्मेलन पूरी तरह वित्तीय बाजारों और विश्व अर्थव्यवस्था की हालत दुरुस्त करने पर केंद्रित था।
जी20 के 20 सदस्यों के नाम हैं जर्मनी, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, चीन, भारत, रूस, सऊदी अरब, जापान, दक्षिण कोरिया, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, इंडोनेशिया, इटली और मेक्सिको।
इस बार का सम्मेलन जर्मनी में हुआ। जर्मनी ने दिसंबर 2016 में जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की। हालांकि बर्लिन ने 1999 और 2004 में मंत्री स्तर की जी20 की बैठक की मेजबानी की थी। लेकिन हैम्बर्ग में जर्मनी पहली बार जी20 के शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है।
जी20 का कोई स्थायी अध्यक्ष नहीं होता। हर साल एक नया सदस्य संगठन का अध्यक्ष बनाया जाता है और वही सम्मेलन का आयोजन करता है। पिछली साल जी20 का शिखर सम्मेलन चीन में किया गया था। अध्यक्षता और शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे सदस्य के पास एजेंडा सेट करने और चर्चाओं का नेतृत्व करने का एक अवसर होता है। साल 2018 में अर्जेंटीना जी20 के शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा।
जी20 के सदस्य अनिवार्य रूप से विश्व की सबसे ताकतवर अर्थव्यवस्थाएं नहीं हैं। जैसे अर्जेंटीना की अर्थव्यवस्था स्विट्जरलैंड से छोटी है लेकिन वह फिर भी वह जी20 का सदस्य है।