-अजय विद्युत
बॉलीवुड में अभी भी यह टोटका चल रहा है कि अगर किसी फेस्टिवल के मौके पर फिल्म रिलीज की जाए तो रिस्क काफी कम हो जाता है। छुट्टियां होती हैं और लोग मौजमस्ती पर कुछ ज्यादा पैसे खर्चने के मूड में भी होते हैं। 2012 की दिवाली अजय देवगन नहीं भूले होंगे जब उनकी फिल्म सन आॅफ सरदार के साथ ही यश चोपड़ा के डायरेक्शन की आखिरी फिल्म शाहरुख खान स्टारर ‘जब तक है जान’ रिलीज हुई थी। यह यश चोपड़ा के डायरेक्शन में सबसे कमजोर फिल्मों में से एक थी और क्रिटिक रिव्यू भी अच्छे नहीं थे। लेकिन यह सन आॅफ सरदार पर भारी पड़ी थी, जिसे दर्शकों की सराहना मिल रही थी। क्यों? क्योंकि ‘जब तक…’ ने ज्यादा स्क्रीनों पर कब्जा कर लिया था। हालांकि अजय की फिल्म फ्लॉप तो नहीं रही पर उतना अच्छा कारोबार नहीं कर सकी क्योंकि उसके पास स्क्रीन बहुत कम थे। तब से अजय देवगन और शाहरुख में जो ठनी है उसका ताप आज तक नहीं गया।
इस साल ईद पर भाईजान (सलमान) की ‘सुल्तान’ के साथ किंग खान (शाहरुख) की ‘रईस’ को रिलीज होना था। किंग खान ने कदम पीछे खींच लिए क्योंकि दो बड़ी फिल्मों के एक साथ आने से रिस्क फैक्टर काफी बढ़ जाता है। लेकिन स्वतंत्रता दिवस पर ऐसा नहीं हुआ। आशुतोष गोवारिकर और रितिक रोशन जैसे बड़े नाम और बैनर वाली ‘मोहनजो दारो’ से अक्षय कुमार की ‘रुस्तम’ टकरा गई। और अपने से दूने बजट की फिल्म को ऐसी पटखनी दी कि रितिक रोशन बरसों याद रखेंगे। भारत में नेट कमाई का आंकड़ा ही देखें तो रुस्तम के आगे 127.43 करोड़ रु. दर्ज हैं तो मोहनजो दारो साठ करोड़ तक भी नहीं पहुंच सकी। 58 करोड़ का आंकड़ा उसके नाम के आगे दर्ज है। वह भी तब जब मोहनजो दारो को रुस्तम के मुकाबले पांच सौ स्क्रीन ज्यादा मिले थे।
दीवाली के मौके पर कल फिर दो फिल्में आमने सामने हैं। करण जौहर की ‘ऐ दिल है मुश्किल’ जिसमें रणबीर, ऐश्वर्या, अनुष्का और फिल्म को हाइप देने वाले पाकिस्तानी कलाकार फव्वाद खान हैं। तो दूसरी तरफ है अजय देवगन की ‘शिवाय’। पर यह 2012 नहीं 2016 है। पिछले अनुभव ने अजय को काफी कुछ सिखा दिया है। इस बार मुकाबला बराबरी का है। दोनों ही फिल्में करीब 2800-2800 स्क्रीन पर दिखाई जाएंगी। बजट को देखें तो ‘ऐ दिल…’ 80 करोड़ की और ‘शिवाय’ कोई सौ करोड़ से ऊपर की फिल्म है। दिलचस्प टक्कर है। करण जौहर और अजय देवगन दोनों ने ही दिवाली पर बड़ा दांव लगाया है। देखें दोनों ही डटते हैं या कोई एक दूसरे पर भारी पड़ता है।