टाटा समूह के साथ साइरस मिस्त्री का विवाद नया मोड़ लेता नजर आ रहा है। समूह के चेयरमैन पद से हटाए गए मिस्त्री समूह की दूसरी कंपनियों के चेयरमैन पद से हटने को तैयार नहीं हैं। मिस्त्री के करीबी सूत्रों का कहना है कि इन कंपनियों के चैयरमैन पद छोड़ने की उनकी कोई योजना नहीं है। ऐसे में टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन रतन टाटा क्या फैसला लेते हैं यह देखना दिलचस्प होगा। अब सबकी नजरें उन पर ही टिकी हैं। वैसे साइरस के इस रुख से टाटा के संचालक मंडल से उनका विवाद होना तय है क्योंकि एक बार कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई तो मामला लंबा खींच जाएगा।
अभी तक रतन टाटा या टाटा समूह की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। साइरस मिस्त्री फिलहाल टाटा समूह की कंपनियों टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा मोटर्स, इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड, टाटा पावर कंपनी, टाटा ग्लोबल बेवरेजेस, टाटा केमिकल्स, टाटा इंडस्ट्रीज और टाटा टेलीसर्विसेज के चेयरमैन हैं। बता दें कि टाटा समूह की प्रवर्तक कंंपनी टाटा संस ने मिस्त्री को 24 अक्टूबर को चेयरमैन पद से हटा दिया था। समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को कार्यकारी चेयरमैन बनाया गया है। रतन टाटा को चार महीने के भीतर समूह का नया चेयरमैन नियुक्त करने की जिम्मेदारी दी गई है।
टाटा समूह के चेयरमैन पद से अचानक हटाए जाने से नाराज साइरस मिस्त्री ने रतन टाटा की खूब आलोचना की थी। इसे कारोबारी दुनिया का सबसे बड़ा उठापटक माना जा रहा है। ऐसे में इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि यह विवाद कानून की चौखट तक भी पहुंच सकता है। वैसे टाटा समूह ने सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाई कोर्ट में एक कैविएट दायर कर रखा है जिसमें कहा गया है कि इस मामले से जुड़ी किसी भी याचिका पर सुनवाई से पहले उसका भी पक्ष सुना जाए। मिस्त्री के करीबी सूत्रों का कहना है कि साइरस टाटा समूह में अपने सभी पदों पर अमानतदार के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते रहेंगे।