यमुना एक्सप्रेस-वे विकास प्राधिकरण में करीब 126 करोड़ के जमीन घोटाले के मुख्य आरोपी पूर्व सीईओ और रिटायर्ड आईएएस पीसी गुप्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें मध्य प्रदेश के दतिया में बने पीतांबरा मंदिर से गिरफ्तार किया है।
पिछले कुछ दिनों से फरार चल रहे पीसी गुप्ता मध्य प्रदेश के पीतांबरा मंदिर के अंदर से दर्शन कर जैसे ही बाहर निकले उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गुप्ता के खिलाफ थाना कासना में धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज है।
पीसी गुप्ता पर आरोप है कि यमुना डेवलपमेंट अथॉरिटी के तहत आने वाले मथुरा जिले के सात गांवों की जमीन को अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर कम दाम में खरीदा। इसके बाद उस जमीन को बाजार भाव से दोगुनी दर पर अथॉरिटी द्वारा अधिकृत किया गया।
यमुना एक्सप्रेसवे ने अपनी जांच में पाया है कि यमुना एक्सप्रेसवे पर “बाहर निकलने और प्रवेश रैंप” के निर्माण के लिए, यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी ने दिसंबर 2013 और मई 2015 के बीच 17 महीनों में कथित तौर पर बढ़ी हुई दरों पर जमीन का अधिग्रहण किया था।
यमुना डेवलपमेंट अथॉरिटी के अंतर्गत आने वाले मथुरा के सात गांव शिव पट्टी बांगर, शिव पट्टी खादर, कैलाना बांगर, कैलाना खादर, सोनपुर बांगर, नौझील बांगर की 97 हेक्टेयर जमीन को फर्जी दस्तावेज के आधार पर खरीदा गया, और बिना जरूरत के बावजूद इस जमीन का यमुना डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा अधिग्रहण किया गया। इस सौदे में अथॉरिटी का 126 करोड़ का नुकसान हुआ।
पीसी गुप्ता अप्रैल 2013 से लेकर जून 2015 तक यमुना एक्सप्रेसवे के सीईओ बने हुए थे। इससे पहले उन्होंने ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अतिरिक्त सीईओ और उप सीईओ के रूप में कार्य किया था।