सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के स्कूलों में बच्चों के पाठ्यक्रम में योग को अनिवार्य करने की मांग की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि ये तय करना हमारा मूल अधिकार नहीं है कि स्कूलों में क्या पढ़ाया जाए और क्या नहीं। कोर्ट को स्कूलों के पाठ्यक्रम से कुछ लेना-देना नहीं है।
इससे पहले केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा कि योग को स्कूलों में अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता। केंद्र के मुताबिक योग को सभी स्कूलों में अनिवार्य करना ‘शिक्षा के अधिकार’ एक्ट के तहत भी जरूरी नहीं किया जा सकता है।
बताते चलें कि जे.सी सेठ नाम के एक शख्स ने 2011 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि कक्षा एक से आठवीं तक योग देशभर के सभी स्कूलों के पाठ्यक्रम में अनिवार्य किया जाए। उसके बाद कोर्ट ने मामले पर केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।