नई दिल्ली।
राष्ट्रपति चुनाव में दलित कार्ड खेले जाने से मुकाबला रोचक हो गया है। शुरुआत एक ऐसी पार्टी ने की है, जो जाति के बजाय विकास को मुद्दा बनाए जाने की हिमायती रही है। मीरा कुमार को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने से तरह तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, अगर कांग्रेस मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाना ही चाहती थी तो वह पिछली बार भी बना सकती थी, लेकिन बीजेपी ने कोविंद जी का नाम आगे किया तो लोगों को लड़वाने के लिए कांग्रेस ने मीरा कुमार का चुनाव कर लिया।
उधर, कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पलटवार किया है। कांग्रेस नेता शोभा ओझा ने कहा कि बीजेपी ने राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिले को इवेंट बना दिया है। पूरा देश जानता है कि उनके पास बहुमत है। फिर ये दिखावा क्यों? अगर बीजेपी यह सोचती है कि एक दलित को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बना देने से उनके पाप धुल जाएंगे, तो ऐसा नहीं होने वाला।
बता दें कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने अपना नामांकन भर दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति पद को राजनीति से ऊपर करार दिया और इस चुनाव के मतदाता मंडल के सदस्यों से समर्थन देने की अपील की है। वह राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में राष्ट्रपति का पद गरिमा का पद है और वह इस सर्वोच्च पद की गरिमा बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
नामांकन के दौरान एनडीए ने अपनी पूरी ताकत दिखाई। इस दौरान कोविंद के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, बीजेपी के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी भी मौजूद रहे। लगभग 20 राज्यों के मुख्यंमंत्रियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया, और जमकर खरी-खोटी सुनाई।